सही मायनों में जो समझा है… वो इस्लाम हूँ मैं... हर लफ्ज में शामिल गीता है… जिसमें वो कुरान हूँ मैं...
गर्व से कहता हूँ कलाम हूँ मैं...
गर्व करेगी ये धरती जिस पर... वो सच्चा मुसलमान हूँ मैं.... वतनपरस्ती शामिल है जिनके रगों में... उस मुस्लिम की पहचान हूँ मैं...
गर्व से कहता हूँ कलाम हूँ मैं...
बढ़ने न दिया फासलों को दिलों में.... वो रहीम में शामिल राम हूँ मैं... इंसानियत को माना धर्म है जिसने... वो मानवता की शान हूँ मैं...
गर्व से कहता हूँ कलाम हूँ मैं...
सदियों तक रहेगी जो चेहरों पर ... वो देश की मुस्कान हूँ मैं.. रहेगा जो सदा इतिहास के पन्नों पर... ना मिटने वाला वो नाम हूँ मैं... अल्लाह हो अकबर में शामिल... जय श्री राम हूँ मैं...
Swatantra Katiyar is a poet by interest. Software Engineer by profession, Swatantra gave tribute to Dr. Kalam and martyrs of Pathankot attack by his incredible poems.
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