आज मैंने कोरोना वायरस से पीड़ित एक महिला की कहानी पढ़ी जिसमें यह स्पष्ट होता है कि कोरोना वायरस का फैलना कितना आसान है। अमेरिका में रहने वाली इस महिला ने अपनी कहानी को facebook पर अंग्रेजी भाषा में प्रकाषित किया था जिसे पढने के पश्चात् मैंने इसे हिंदी में लिखा है। मुझे आशा है कि यह आपको कुछ अच्छी जानकारी और मन की शांति देगा!
कोरोना वायरस को विश्व स्वाथ्य संगठन (WHO) ने COVID-19 भी नाम दिया है जिसमें CO का मतलब कोरोना VI का मतलब वायरस, D का मतलब डिसीज (Decease - बीमरी) एवं 19 का मतलब वर्ष 2019, जब यह वायरस फैलाना शुरू हुआ था।
सर्वप्रथम इस कहानी में कोरोना वायरस के फैलाव के बारे में बताया गया है। यह वायरस बहुत ही आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचालित हो सकता है। एलिज़ाबेथ का मानना है कि उनमें यह वायरस अपने मित्र के घर पर हुयी एक पार्टी में जाने के बाद आया। इस पार्टी में उपस्थित कोई भी व्यक्ति खांसना, छींकना या कोरोना बीमारी से सम्बंधित कोई भी लक्षण प्रदर्शित नहीं कर रहा था। हाथ धोना जैसी अन्य सभी सावधानियों का उन्होंने हमेशा ध्यान रखा। परन्तु बुखार एवं कोरोना वायरस के लक्षणों के साथ 3 दिनों के भीतर एलिजाबेथ सहित पार्टी में उपस्थित लोगों में से 40% लोग बीमार पड़ गए थे। उनके मुताबिक कोरोना से संक्रमित अन्य सभी मनुष्यों से बचने के अलावा इस बीमारी से सुरक्षा का कोई और तरीका नहीं है।
दूसरा, इस बीमारी में आपके शरीर या उम्र के आधार पर अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं। अपने ३० के दशक में चल रहीं एलिज़ाबेथ के कोरोना से संक्रमित अधिकांश मित्र 40 से 50 वर्ष के बीच की उम्र के थे। उनके लिए यह सिरदर्द, बुखार (पहले 3 दिनों तक लगातार और फिर अगले 3 दिन आता जाता रहा), शरीर और जोड़ों में दर्द और गंभीर थकान हुई। उन्हें बुखार था जो पहली रात को 103 डिग्री फिर 100 और फिर निम्न श्रेणी 99.5 पर आ गया। कुछ लोगों को दस्त हुए। एलिजावेथ को एक दिन मचली आ रही थी। एक बार बुखार उतर गया तो कुछ लोगों की नाक बंद और गले में खराश हो गई। उनमें से बहुत कम लोगों को हल्की गले में खुजली वाली खांसी हुई थी। बहुत कम लोगों को छाती में जकड़न या अन्य श्वसन से सम्बंधित लक्षण थे। बीमारी की कुल अवधि 10 से 16 दिन थी। उनका परीक्षण सिएटल फ्लू अध्ययन संसथान के माध्यम से किया गया। यह सिएटल शहर में एक शोध अध्ययन संसथान है। उन्होंने पुष्टि के लिए नमूना किंग काउंटी पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट को भेजा। एलिजाबेथ को मिलाकर पार्टी में भाग लेने वाले 7 लोगों के परीक्षण के परिणाम सकारात्मक निकले अर्थात ये सात लोग कोरोना से संक्रमित थे। एलिजावेथ ने बहुत सावधानी बरतते हुए अपना ध्यान रखा। कोरोना संक्रमण ज्यादा बढ़ने के पहले ही इलाज लेकर वो ठीक भी हो गयीं। एलिज़ाबेथ ने खुद को लोगों से दूर रखा और ठीक होने के बाद भी वो भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचती हैं। एलिज़ाबेथ ने बताया कि वो लोग जिनको यह संक्रमण है परन्तु उनको इसके लक्षण दिखना शुरू नहीं हुए वह भी इस संक्रमण को फैला रहे हैं।
जिस प्रकार यह महामारी सम्पूर्ण विश्व में फ़ैल रही है उसे देख कर मुझे लगता है की यदि लोगों ने सतर्कता नहीं बरती तो इसका अंजाम बहुत भयानक होगा। हम लोगों को इस समय "आइसोलेशन" या "सोशल डिस्टन्सिंग" अर्थात लोगों से दूरी बनाकर रखना और अपने घर में ही रहने जैसी बातों को गंभीरता से लेकर उनका पालन करना चाहिए। यदि आप गावं, कस्बे या किसी छोटी जगह में हैं और सोचते हैं कि यह बीमारी सिर्फ बड़े शहरों में फ़ैल रही है तो शायद आप गलत सोच रहे हैं और आपको विचार बदलने की आवश्यकता है। आज हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अगले 21 दिनों तक पुरे देश में लोकडाउन की घोषणा कि है। हमे सरकार द्वारा उठाये कदम जैसे "लॉकडाउन" का समर्थन करते हुए घर में रहना चाहिए। अमेरिका में चालीस हजार से अधिक और इटली में साठ हजार से अधिक कोरोना संक्रमण के मरीज हैं। हमारे देश में भी यह फ़ैल रहा है जिसे रोकने के लिए आपसे देश को यही योगदान चाहिए कि घबराएँ नहीं, धैर्य रखें और बिलकुल भी घर से बाहर न निकलें। पुलिस, न्यूज़ - मीडिया, चिकित्सक जैसे अन्य कई लोग अपनी जान दाव पर लगाकर देश की सेवा में जुटे है हमे उनको धन्यवाद करते हुए घरों से न निकलकर उनकी सहायता करनी चाहिए।
इसकी गंभीरता आप भारतीय रेल के इस कथन से समझ सकते हैं, "भारतीय रेल कभी युद्धकाल में भी नहीं रुकी कृपया परिस्थितियों की गंभीरता को समझिये घर में ही रहिये।" कोरोना वायरस के कारण भारतीय रेल को अपनी सेवाएं बंद करनी पड़ी। इसके अतिरिक्त यदि हम इसके फैलाव के आंकड़ों पर गौर करें तो इस संक्रमण ने विश्व में 67 दिनों में 1 लाख लोगों को संक्रमित किया था फिर अगले ११ दिनों में 1 लाग और लोगों को हो गया और फिर मात्र अगले चार दिनों में 1 लाख और लोग संक्रमित हो गए अर्थात कुल आकड़ा 3 लाख हो गया। सुभाष चन्द्र बोस द्वारा कहा कथन "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा" आज याद आता है। इसी तरह यदि हमें पुनः खुली हवा में घूमना है तो अपने 21 दिन हमें सभी नियमों का पालन करते हुए देश को देने होंगे। यदि आगे बेखोफ घर से बाहर निकलना है तो कुछ दिन घर के अन्दर रहना होगा। कृपया आप जहाँ हैं वहीँ रहें और देश को इस संकट से निकलने में अपना योगदान दें।
कोरोना वायरस की अधिक जानकारी और विश्व के सभी देशों में इसके मरीजों की संख्या जानने के लिए नीचे दी हुई लिंक पर क्लिक करें:
जय हिन्द।
मूल स्रोत: https://www.facebook.com/EbethBerkeley/posts/10110434821081713
- Protected: Story – S39 – GIC School - December 22, 2020
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- Protected: Story – S38 – Ithlati Saree, Indore - October 1, 2020
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