ये मेरी एक शुरुआत है, कहनी तो हर बात है, मन मेरा आज़ाद है। लेकिन, मुमकिन नहीं पिरोना उसे शब्दों में, ये कवि और कविता पर एक घात है, जब आती माँ की बात है।
मेरी माँ की ५० वीं वर्षगांठ पर, दुनिया की सभी माँ को समर्पित।
तुझे कैसे पिरोऊँ शब्दों में तू मेरी माँ है। तू है तो धरती पे पर मेरा आसमां है। तू असीम है, तू अनंत है, तेरे प्यार का न कोई अंत है। तू ही मेरी दुनियाँ तू ही मेरा जहान है। तुझे कैसे पिरोऊँ शब्दों में तू मेरी माँ है।
ये सच है की प्यार अँधा होता है। वो दिल के तारों से बंधा होता है। मेरा चेहरा देखे बिना ही तूने मुझसे प्यार किया है। तू इस बात का पहला प्रमाण है। तेरी तुलना किसी से कहाँ है। तुझे कैसे पिरोऊँ शब्दों में तू मेरी माँ है।
सुख हो या दुःख तूने मुझसे प्यार किया है। तूने अपना जीवन बस मुझपे ही मुझपे वार दिया है। पर मेरा जीवन तूने संवर दिया है। देख तेरी पूजा तेरा आशीर्वाद मेरे साथ यहाँ है। तुझे कैसे पिरोऊँ शब्दों में तू मेरी माँ है।
Kushal is an IT professional and have interest in writing. He wrote stories based on real life event. Apart from stories he also writes Hindi poetry and articles.
Facebook Comments