जो सोचता है वो कर,
दुनिया की सोच के मत डर।
तू बस अपने घर से निकल,
तू के कदम बढ़ाएगा,
एक से दो दो से चार,
और काफिला बन जायेगा।
तेरा दिल तुझे बतायेगा,
तेरा रास्ता किस तरफ जायेगा।
तू इस सफर पे निकल,
तू मंजिल तक पहुच जायेगा।
भगवन ने आज साथ छोड़ दिया,
तेरा डर तुझे यही बतायेगा।
लेकिन भरोसा रखना,
वही तुझे आगे ले जायेगा।
लोग कहेंगे पागल है तू,
तेरे अपने भी साथ छोड़ देंगे।
लेकिन तू रुकना मत,
कल फिर वो तेरे साथ होंगे।
दलदल भी खूब मिलेंगे,
और कांटे भी खूब चुभेंगे।
पर चलना और चलते रहना,
क्योंकि बिभीषण भी जरूर मिलेंगे।
एक सुबह ऐसी आएगी,
तेरा जीवन रोशन कर जायेगी।
ये दुनिया तेरी सोच अपनायेगी,
और तेरी जीत का जश्न मनायेगी।।
बस जो सोचता है वो कर,
दुनिया की सोच के मत डर।
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